ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तान – एक डगमगाता हुआ पड़ोसी
भारत द्वारा सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया ऑपरेशन सिन्दूर न केवल सैन्य दृष्टि से एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही, बल्कि इसने दक्षिण एशिया के सामरिक संतुलन को भी नई दिशा में मोड़ दिया है। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की स्थिति जितनी राजनीतिक रूप से अस्थिर है, उतनी ही आर्थिक और सामाजिक रूप से भी बिखरी हुई नज़र आ रही है।
🛡️ सैन्य पराजय का प्रभाव
ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तान की सेना की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। पहले से ही आलोचना झेल रही पाकिस्तानी सेना अब अपने ही देश के नागरिकों के बीच विश्वास खोती जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी क्षति और नियंत्रण रेखा पर भारत की सटीक रणनीति ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला खड़ा किया है।
💰 आर्थिक संकट और विदेशी निर्भरता
वैसे ही पहले से कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी जर्जर हो गई है। विदेशी निवेशकों ने विश्वास खो दिया है, जबकि IMF और चीन जैसे कर्जदाता भी अब कठोर शर्तों पर मदद करने को तैयार हैं। ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान का रक्षा बजट बढ़ा है, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सेवाओं की स्थिति और खराब हो गई है।
👥 सामाजिक अशांति और राजनीतिक अराजकता
ऑपरेशन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों की लहर उठी है। बेरोज़गारी, महंगाई और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाम ने जनता को सड़कों पर ला दिया है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं, जबकि सेना और सरकार के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं।
🌍 अंतर्राष्ट्रीय छवि और कूटनीतिक अलगाव
ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी गहरा आघात पहुंचा है। कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को समर्थन दिया है, जबकि पाकिस्तान की दोहरी नीति को आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर भी पाकिस्तान की दलीलों को कम समर्थन मिल रहा है।
📌 निष्कर्ष: एक चेतावनी, एक अवसर
पाकिस्तान के लिए ऑपरेशन सिन्दूर सिर्फ एक सैन्य हार नहीं, बल्कि एक गहरी चेतावनी भी है — आतंक को समर्थन देना किसी देश के भविष्य को कितना खोखला कर सकता है। अब समय है कि पाकिस्तान अपने आंतरिक सुधार पर ध्यान दे, कट्टरता को त्यागे और शांति की ओर कदम बढ़ाए।
भारत के लिए यह ऑपरेशन एक सफलता है, लेकिन सबसे बड़ी जीत तब होगी जब सीमाओं के दोनों ओर शांति, विकास और स्थायित्व का मार्ग प्रशस्त हो।
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